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विश्व डाक दिवस
Updated: Oct 13, 2021

9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है l विश्व डाक दिवस का उपदेश ग्राहकों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है ।
पुराने वक्त में जरूरी कागजात और पत्र को डाकघर के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता था लेकिन इन सब की जगह अब मोबाइल और कंप्यूटर ने ले ली है ।
पहले के वक्त में लोगों अपने चिट्ठी का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते थे लेकिन आज के समय में कुछ ही सेकंड में आप जीमेल या अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से आप अपनी बात को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा सकते है।
अपने देश में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले हुई । आज जहां लगभग हर देश में डोर टू डोर डिलीवरी खत्म कर दिए है वही अभी भी भारत में डाकिया हर दरवाजे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है,और लोगों के सुख-दुख में शरीक होता है। आशा करते है की मोबाइल के इस युग में भी लोग अंतर्देशीय पत्रो और डाक तार को नहीं भूलेंगे । इसी विषय के सैमभदीत जानते है एक ऐसे इन्सान को जिन्होंने कोरोना के इस भयभीत समय में अपने सेवा की वजह से प्रचलित हुए ।
दुनिया में बहुत से ऐसे लोग पड़े हुए हैं जो अपने दर्द को भुलाकर दूसरों की खुशियों के लिए जीना जानते हैं। ऐसे ही एक शख्स का नाम हैं डी सिवन। डी सिवन इन दिनों ट्रेंड पर बने हुए और सोशल मीडिया में उनकी खूब बाते हो रही है। लोग उन पर प्यार और आभार जता रहे हैं। बता दें कि डि सिवन कोई राजनेता या फिर कोई बड़े सेलिब्रिटी नहीं है बल्कि वह एक समान्य से पोस्ट मैंने थे और अब वह अपनी नौकरी से रिटायर हो गए हैं।
दरअसल डी सिवन की चर्चा के पीछे अपने काम के प्रति लगाव और दूसरो को खुश रखने की सोच है। डी सिवन तमिलनाडु में पोस्टमैन के पद पर कार्य करते थे और वह इस पद पर 30 साल रहे। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि वह लोगों के यहां पत्र देने पैदल जाते थे। सिवन तीस सालों तक लगातार पैदल जा जाकर लोगों को उकने संदेश पत्र पहुचाते थे और वह रोजाना लगभग 15 किमी तक पैदल चलते थे।
सिवन की तारीफ में कसीदे इसलिए भी पढ़े जा रहे हैं क्योंकि यहां सिर्फ पैदल चलने की बात नहीं है। वह जिस रास्ते से जाते थे वह घने जंगलों और पहाड़ियों से गुजरता है और कई बार उन्हें जंगली जानवरों का भी सामना करना पड़ा। आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो अपनी जान जोखिम में डालकर इतनी ईमानदारी से अपने काम को करे।सिवन अब पोस्ट मैन के पद से रिटायर हो गए हैं। अब जनता उन्हें रियल हीरो कहकर बुला रही है।